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विकासपुरी का कूड़ाघर
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जहां करोड़ों में बिकती है प्रॉपर्टी, वहीं नहीं है सुरक्षा और शांति – विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1का दर्द

दिल्ली का विकासपुरी क्षेत्र

दिल्ली का विकासपुरी क्षेत्र एक प्राइम लोकेशन में आता है, लेकिन कुछ समय से यह क्षेत्र सुर्खियों में बना हुआ है। कभी-कभी यह कूड़ागर के नाम से जाना जाता है, जहां सड़क पर कूड़े के ढेर ही ढेर पाए जाते हैं और बरसात में तो बदबू के मारे आपका दिमाग खराब हो जाए। यही नहीं, चोरियों का सिलसिला भी यहां जबरदस्त तरीके से जोर पकड़ता दिख रहा है।

वीडियो में कूड़े और बढ़ते स्लम एरिया का जायजा लें:

 

यही विकासपुरी की प्राइम लोकेशन में स्थित DDA की पुरानी सोसाइटी GG-1 भी इसका साक्षात् रूप देख रही है। जहां करोड़ों के रेट हैं, उन पुराने घरों में सुरक्षा और सुरक्षा का तो नाम और निशान भी नहीं है। GG-1 सोसाइटी, जहां चारों ओर मार्केट और बैंक से घिरी हुई है, वहां लोग अपने घरों को छोड़कर बेच-बेचकर यहां से जा रहे हैं, क्योंकि लोग अब अपने को सुरक्षित नहीं मानते।

 

विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1 के पास PVR मॉल कूड़ाघर:

गंदगी यहां एक आम बात थी, पार्कों में सड़ रहे कूड़े से सब परेशान थे, जिस पर अब कुछ हद तक काम हो रहा है, लेकिन वह अभी भी संतोषजनक नहीं है। पार्कों की हालत बुरी है। लोगों के बहुत अनुरोध करने पर भी पार्कों में कटाई-छटाई होती है। सोसाइटी में तो गंदगी से लोग फिर भी निजात पा लें, लेकिन पास ही PVR मॉल के पास जो कूड़ाघर है, वहां का कूड़ा तो कूड़ागर के बाहर इतना फैला होता है कि सड़क से निकलने की जगह नहीं होती। बदबू से भरी सड़क पर ही वेंडर खाने-पीने का सामान बेच रहे होते हैं और पास ही में आप झुग्गियों का आनंद भी उठा सकते हैं।

 

विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1 के पास बढ़ता स्लम एरिया:

विकासपुरी की DDA सोसाइटी GG-1 के आस-पास कूड़े के साथ-साथ स्लम एरिया भी बढ़ता जा रहा है, जो कि पीवीआर के पास बने कूड़े घर के साथ ही आप को दिख जाएगा। वहां के बच्चे जब चाहें जीजी-1 के पार्क में आकर झूलों को घेरते हुए नज़र आते हैं, यहाँ तक कि मोरिंगा और बेल जैसे पेड़ों पर चढ़कर फल तोड़ते हुए भी कई बार मिल जाएंगे। दिन में 4-5 बार अपने साथियों की टोली के साथ ये सोसाइटी में घूमते हुए, पेड़ों पे चढ़े हुए और घरों में ताक-झांक करते हुए और एक दूसरे को गाली-गलौच करते हुए नज़र आ जाएंगे।

 

विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1 में पानी से जुड़ी समस्या:

अब पानी से जुड़ी समस्या की बात करते हैं। पानी के लिए लोगों में त्राही-त्राही है। GG-1 के बहुत से घर ऐसे हैं, जिनमें सही से पानी तक नहीं आता। वैसे तो एमसीडी सुबह और शाम, दिन में दो बार पानी सप्लाई करने का दावा करती है, लेकिन लोगों को दिन में एक बार का (साफ) पानी भी नसीब हो जाए तो लोग अपने को धन्य मानते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि इस DDA सोसाइटी का यह हाल है, तो और जगह लोग कितना संघर्ष कर रहे होंगे।

 

विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1 में कुत्तों का आतंक:

कभी-कभी इस सोसाइटी में कुत्तों का आतंक फैल जाता है, जहां 50 से भी ज्यादा रहवासियों को एक ही कुत्ता काट कर घायल कर देता है। लोगों की बहुत अर्जी के बाद भी पुलिस, एमसीडी और प्रशासन कोई कदम नहीं उठाते। उस कुत्ते ने बच्चों, बुजुर्गों और जवान सभी को काटा, लेकिन नियमों और विनियमों के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं होती। बेचारे रहवासी एक साल तक संघर्ष करने के बाद इतने मजबूर हो गए कि सड़क पर धरना देने को मजबूर हो गए।

आइए इसका वीडियो देखें:

इतना कुछ होने के बावजूद वह कुत्ता आज भी इस सोसाइटी में बना हुआ है और लोग ही उससे बचकर अपना रास्ता बदलने को मजबूर हो रहे हैं। वह कब किसको काट लेगा, लोगों के मन में डर बसा हुआ है। जिस घर के पास वह कुत्ता रहता है, वहां तो लोग गुजरने से भी बहुत डरते हैं और आस-पड़ोस के लोग शाम को बाहर निकलना बचाते हैं।

 

विकासपुरी  में DDA सोसाइटी GG-1 में चोरों का आतंक:

अभी यह सिलसिला थमा ही नहीं था कि अब चोरियों की वारदातों ने जोर पकड़ा लिया है। बहुत प्रयासों के बाद जब लोगों ने सोसाइटी का गेट बदल कर मजबूत और बड़ा गेट लगाया, तो अब चोरों के किस्से सामने आ रहे हैं। अब आप कहोगे कि चोरी तो सामान्य होती रहती है। चलो, आपकी बात मान भी लें कि खाली घर में घुसकर चोरों ने चोरी की, लेकिन जिस घर में सभी मौजूद थे, उस घर में तो चोर ने सभी लोगों को घर के अंदर बंद कर दिया और घर से सामान चोरी करने के बाद खाना खाकर कोल्डड्रिंक पीकर आराम से चला गया। अब आप ही बताओ, कौन इस सोसाइटी में सुरक्षित है? जिस घर में चोरी हुई, वहां बहुत लोग मौजूद थे। चोर गेट के रास्ते अंदर नहीं आ सका, तो उसने किचन की ग्रिल काटकर घर में एंट्री ली और चोरी को अंजाम दिया। घर के सदस्यों ने जब शोर मचाया, तो आस-पास के लोगों की मदद से गार्ड घर के अंदर आया और सभी कमरों को खोला। इतना ही नहीं, उसी चोर ने वहीं एक और घर की बालकनी से सारे टैप चुरा लिए, क्योंकि वह घर के अंदर नहीं घुस पाया। तो आप ही बताइए, ग्राउंड के साथ-साथ पहला मंजिल भी सुरक्षित नहीं है। छोटी-मोटी पानी की मोटर की चोरी, विद्युत तारों की चोरी, साइकिल की चोरी तो यहां आम बात है, लेकिन अब चोरों की हिम्मत कितनी बढ़ गई, इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं।

वैसे तो मुद्दे बहुत हैं चर्चा के, लेकिन इस बात से मैं इस लेख को खत्म करना चाहूंगी कि इस प्राइम लोकेशन पर, करोड़ों का आशियाना अगर हम बना भी लें, तो रात को चैन से कैसे सो पाएंगे। जो परिवार के साथ हैं, वो तो फिर भी ठीक हैं, जिनका परिवार यहां अकेला है, बुजुर्ग माता-पिता हैं, उनका क्या हाल होगा? क्या केवल लोकेशन और सुविधाओं की कीमत है, सुरक्षा की कोई कीमत नहीं?

 

विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1 में अवैध निर्माण:

यहां विकासपुरी में DDA सोसाइटी GG-1में ऐसा भी हुआ है कि ग्राउंड फ्लोर पर लोगों ने घर खरीदे, शॉप्स खोलने और शोरूम बनाने के लिए, और स्तंभों को ही तोड़ दिया। जब ऊपर के मकान वालों को यह पता चला, तो एमसीडी में शिकायत दर्ज कराई गई। एक आदमी पैसों के लालच में कितनी जिंदगियों को दांव पर लगाने को तैयार हो गया, सिर्फ इसलिए कि उसने बहुत महंगे दामों में प्रॉपर्टी खरीदी। अब आप ही सोचिए, ऊपर के मकान वालों ने भी कितनी मेहनत से वह घर खरीदा होगा। क्या उन्होंने कभी सोचा था कि उनके घर की मजबूती ऐसे ही दांव पर लग जाएगी? और एमसीडी से स्टे लेने के बाद भी वह काम चुपचाप होता रहता है। रहवासी शिकायत करते हैं, फिर कुछ समय के लिए काम रुक जाता है…और चलता रहता है।

बहुत दुख की बात है कि विकासपुरी में  DDA सोसाइटी GG-1में 600 से भी ज्यादा घरों में लोग सुकून से नहीं हैं। सब यहां से जा रहे हैं किसी सुरक्षित जगह की तलाश में, और जो यहां हैं, वो बस डरकर जी रहे हैं।

इस लेख का उद्देश्य केवल इतना है कि लोगों को यहां की सच्चाई से अवगत कराया जा सके। और प्राइम लोकेशन और सोसाइटी के नाम पर होने वाली लूट को रोका जा सके। ये तो कुछ ऐसे किस्से हैं जो बड़े हो गए हैं, छोटे-मोटे किस्सों की तो गिनती ही नहीं…।

 

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