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आखिर क्यों कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात!

आखिर क्यों कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात!

आखिर क्यों कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात!

इसे बेहतर समझने के लिए पढ़ते हैं मेन आर फ्रॉम मार्स वीमेन आर फ्रॉम वीनस पुस्तक का सारांश :

Image by wayhomestudio on Freepik

मेन आर फ्रॉम मार्स एंड वीमेन आर फ्रॉम वीनस (पुरुष मंगल ग्रह से हैं, महिलाएँ शुक्र ग्रह से), जॉन ग्रे की बेस्टसेलिंग पुस्तक है जिसमें लेखक का मानना ​​है कि पुरुष और महिलाएं एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। पुरुषों और महिलाओं के बीच के मूलभूत अंतरों पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि पुरुष और महिलाएँ एक-दूसरे से बहुत अलग सोचते और व्यवहार करते हैं इसलिए कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात।

पुरुष “मंगल ग्रह” से हैं जहां वे स्वतंत्रता, क्षमता और उपलब्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैंवे समस्या को हल करने में रुचि रखते हैं। दूसरी ओर, महिलाएं “शुक्र ग्रह” से हैं जहां वे संबंधों और हरमोनी पर ध्यान केंद्रित करती हैं। वे अपने आस-पास के लोगों की भावनाओं को समझने में रुचि रखती हैं

वास्तव में पुरुष और महिला दूसरे ग्रह से नहीं हैं मगर उनकी मनोवैज्ञानिक सोच में इतना अंतर है कि मानो वे दूसरे ग्रह के हों।इन मूलभूत अंतरों के कारण कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात और महिला  भी हो जाती हैं गलतफहमी का शिकार. लेखक का सुझाव है कि अगर पुरुष और महिला दोनों एक-दूसरे के इन मूलभूत अंतरों को स्वीकार कर लें तो वे एक दूसरे की जरूरतों को बेहतर समझ सकते हैं।

 

मार्स (मंगल ग्रह) और पुरुषों के बीच की समानता :

Mars का हिंदी नाम ‘मंगल’ है। मंगल शब्द संस्कृत के ‘मंगल’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘शुभ’ या ‘मंगलकारी’।अब हम आगे देखें कि क्यों पुरुषों को मंगल ग्रह का माना जाता है।

1. स्वतंत्रता पसंद करना

जिस तरह मार्स एक स्वतंत्र ग्रह है, उसी तरह पुरुष भी स्वतंत्रता और आज़ादी को पसंद करते हैं।

2.समस्याओं का सामना करना

मार्स पर कठिन परिस्थितियाँ होती हैं। उसी तरह, पुरुष भी चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पसंद करते हैं।

3.तार्किक सोच

मार्स को ‘तर्क’ और ‘बुद्धि’ से जोड़ा जाता है। ठीक उसी तरह पुरुष तार्किक और विवेकपूर्ण सोच पर अधिक भरोसा करते हैं।

4.क्षमता पर ध्यान केंद्रित करना

मार्स ग्रह को शक्ति और क्षमता का प्रतीक माना जाता है। पुरुष भी अपनी क्षमता और शक्ति दिखाने में रुचि रखते हैं।

5.उपलब्धियों की ओर अग्रसर होना

जिस तरह मार्स निरंतर आगे बढ़ता है, उसी तरह पुरुष भी लक्ष्य निर्धारित करके उपलब्धियों की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।

 

वीनस (शुक्र ग्रह) और महिलाओं के बीच की समानता :

Venus का हिंदी नाम ‘शुक्र’ है। शुक्र संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘पवित्र’ या ‘शुद्ध’। शुक्र ग्रह को सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। अब हम जानेंगे कि महिलाओं को शुक्र ग्रह का क्यों कहा गया है।

1.संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना

जिस तरह वीनस को प्रेम और सौंदर्य से जोड़ा जाता है, वैसे ही महिलाएँ भी संबंधों और रिश्तों पर अधिक ध्यान देती हैं।

2.सहानुभूति दिखाना –

वीनस को दया और करुणा का प्रतीक माना जाता है। इसी तरह, महिलाएँ भी सहानुभूति व्यक्त करने में सक्षम होती हैं।

3.Harmony बनाए रखने की कोशिश करना –

वीनस सौंदर्य और संतुलन का प्रतीक है। महिलाएँ भी हर स्थिति में harmony बनाए रखने की कोशिश करती हैं।

4.भावनात्मक सोच –

वीनस को भावनाओं और मनोदशा से जोड़ा जाता है। महिलाओं की सोच और व्यवहार भावनाओं से प्रभावित होता है।

5.सौंदर्य की सराहना करना

वीनस सौंदर्य और आकर्षण का प्रतीक है। महिलाएँ भी सौंदर्य की सराहना करती हैं।

 

इस पुस्तक ‘मेन आर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम वीनस’ से हम निम्नलिखित बातें सीखते हैं जिनसे पुरुष और महिलाएँ एक दूसरे की बात को बेहतर समझ सकें:

  1. पुरुषों और महिलाओं के बीच मौजूद मूलभूत अंतर को समझना। यह हमें एक-दूसरे की सोच और व्यवहार को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।
  2. एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना सीखना। पुरुषों को महिलाओं की भावनात्मक ज़रूरतों को समझना चाहिए और महिलाओं को पुरुषों की ज़रूरत का।
  3. संवाद और समझ का महत्व सीखना। अगर हम संवाद करें और एक-दूसरे की बातों को समझने का प्रयास करें तो रिश्ते बेहतर बनते हैं।
  4. एक-दूसरे के पूरक होने का एहसास। पुरुष और महिला एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों की ही ज़रूरत है।

 

इसके अलावा पुस्तक में पुरुषों और महिलाओं को कुछ ऐसे सुझाव भी दिए गए हैं जिनसे वे एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील बन सकें और उनके बीच संबंध मजबूत हो सके। पुस्तक का मुख्य संदेश यह है कि पुरुष और महिला एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों को ही एक दूसरे के अंतर को समझना चाहिए। ऐसा करने से उनके बीच का संबंध बेहतर बनेगा महिलाओं की ये शिकायत भी दूर हो सकेगी कि आखिर क्यों कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात!

मुझे पूरा विश्वास है कि इस पुस्तक की सलाह और रणनीतियों का उपयोग करके  महिलाओं की यह शिकायत भी जल्द ही दूर हो जाएगी कि आखिर क्यों कभी समझ नहीं पाते पुरुष महिलाओं की बात और हम अपने रिश्तों को बेहतर बना सकते हैं, एक दूसरे के प्रति अधिक संवेदनशील बनके।

धन्यावाद

मेन आर फ्रॉम मार्स वीमेन आर फ्रॉम वीनस पुस्तक का सारांश सुने:

 

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