“तुम कोई साधु नहीं हो, तुम सिर्फ लोगों का खाना खाने आते हो, उनके बिस्तर लेते हो, और तुम एक नकली संत हो।”
इस बिंदु पर वह युवक जिसने गुस्सा जीता था, खड़ा हो गया, पिता को कॉलर से पकड़ा, और हिलाते हुए कहने लगा, “चुप रहो, तुम्हें नहीं पता तुम किससे बात कर रहे हो।