यह फिल्म आर्थर फ्लेक (जोकर) नामक एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की कहानी है जो गॉथम सिटी में रहता है।
वह एक स्टैंड-अप कॉमेडियन बनना चाहता है लेकिन उसे एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसके कारण वह अक्सर हँसी के ठहाके लगाता रहता है।
आर्थर की माँ गंभीर रूप से बीमार है और उसकी देखभाल करता है। जब सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को कम कर दिया जाता है, तो आर्थर की दवाएँ बंद हो जाती हैं।
इसके परिणामस्वरूप, उसकी मानसिक स्थिति और बिगड़ जाती है।
एक दिन आर्थर को अपने सहकर्मियों द्वारा पीटा जाता है और उसका हथियार छीन लिया जाता है। इस घटना से उसमें और अधिक क्रोध भर जाता है।
जब वह अंडरग्राउंड में तीन लड़कों को मारता देखता है, तो वह उन्हें मार देता है क्योंकि वे उसके साथ बदसलूकी कर रहे थे।
धीरे-धीरे, आर्थर एक हत्यारा बन जाता है। वह अपनी माँ की मौत का बदला लेने के लिए तैयार हो जाता है।
वह अंततः एक टॉक शो के दौरान कॉमेडियन बन जाता है और फिर गॉथम सिटी को आग के हवाले कर देता है।
इस तरह, फिल्म एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को एक क्रूर हत्यारा में बदलते हुए दिखाती है।
फिल्म जोकर में आर्थर फ्लेक को 'प्स्यूडोबल्बर अफेक्ट(pseudobulbar affect) नामक मानसिक बीमारी दिखाई गई है।
- अचानक और अनियंत्रित हँसी के ठहाके- मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव- व्यवहार में अस्थिरता- अत्यधिक भावनात्मक प्रतिक्रियाएं- वास्तविकता का भ्रम
लक्षण:
- दिमाग में रसायनों का असंतुलन- आनुवंशिकी (genetics)- बचपन का दुर्व्यवहार या उपेक्षा
कारण:
- मनोवैज्ञानिक परामर्श- दवाएं(मूड स्थिरकारी, एंटीसाइकोटिक)- सहायक चिकित्सा (ओक्यूपेशनल थेरेपी)- समूह चिकित्सा- जीवनशैली में बदलाव