देवी ब्रह्मचारिणी:  तपस्या और दृढ़ संकल्प का अवतार

ब्रह्मचारिणी देवी का नाम संस्कृत में "ब्रह्म" (ज्ञान) और "चरण" (आचरण) से मिलकर बना है।

यह देवी आध्यात्मिक ज्ञान, तप और संयम की प्रतीक हैं।

ब्रह्मचारिणी देवी सफेद वस्त्र धारण करती हैं, जो पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।

वे एक जप माला और एक कमंडल लिए हुए हैं, जो ज्ञान और आध्यात्मिक साधना का प्रतीक हैं।

देवी को शत्रुओं को पवित्र जल के छिड़काव से विस्मृत करने का वर्णन किया गया है। जो लोग इस देवी की दैनिक पूजा करते हैं, वे ब्रह्मविद्या में निपुण हो जाएंगे। 

वह मानव शरीर में दूसरा चक्र  स्वाधिष्ठान(Swadhishthan) चक्र की देवी है। यह रचनात्मक अभिव्यक्ति, भावनाओं और आत्मविश्वास को नियंत्रित करता है।

यह माना जाता है कि देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं जो भाग्य के प्रदाता हैं ।

देवी ब्रह्मचारिणी का प्रमुख मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी के दुर्गा घाट पर स्थित है।

ब्रह्मचारिणी का मंत्र  ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नम:  Oṃ Devī Brahmachāriṇyai Namaḥ